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रैगिंग से कैसे बचें? रैगिंग विरोधी उपाय

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आज के इस लेख में हम जानेंगे कि रैगिंग क्या होती है और इससे बचने के लिए कौन-कौन से कानून हैं। यदि आपके साथ भी रैगिंग होती है तो आप उससे बचने के लिए क्या-क्या कानूनी प्रक्रिया अपना सकते हैं? रैगिंग क्या है?   रैगिंग की शुरुआत इसलिए हुई थी ताकि पुराने छात्र आने वाले नए छात्रों को सामान्य और दायरे में रहकर उनसे घुल मिल सकें और उन्हें अच्छा महसूस करा सकें। न कि किसी की भावनाओं को आहत करें। पर समय के साथ रैगिंग शब्द का अर्थ भी बदलने लगा जब पुराने छात्र ने छात्रों को अकारण रैगिंग के नाम पर गलत तरीके और व्यवहार से परेशान करना शुरू कर दिया।  तो अब हम कह सकते हैं कि - Anti-ragging affidivit format के लिए इस दिए गए लिंक पर क्लिक करें -- https://vidhikinfo.blogspot.com/2024/03/affidavit-for-anti-ragging-format-in.html किसी शिक्षण संस्थान, छात्रावास विश्वविद्यालय या किसी विद्यालय आदि में छात्रों के द्वारा ही किसी अन्य छात्र को प्रताड़ित करना या ऐसे किसी काम को करने के लिए जबरन मजबूर करना जो की वह किसी सामान्य स्थिति में नहीं करेगा, इसे ही रैगिंग कहते हैं। रैगिंग शारीरिक मानसिक या मौखिक रू...

साइबर क्राइम Cyber Crime की शिकायत ऑनलाइन कैसे करें?

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  Cyber Crime साइबर अपराध की शिकायत ऑनलाइन कैसे करें? Cyber Crime साइबर अपराध की शिकायत ऑनलाइन कैसे करें?  आज के डिजिटल युग में साइबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं – जैसे कि WhatsApp फ्रॉड, Instagram हैक, UPI धोखाधड़ी, ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग, आदि। यदि आपके साथ भी कोई साइबर अपराध हुआ है, तो घबराने की जरूरत नहीं, आप इसे ऑनलाइन रिपोर्ट कर सकते हैं। इस लेख में हम बताएंगे कि साइबर क्राइम क्या होता है।और इसकी शिकायत कैसे करें, कहां करें, इसके लिए किन आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत है और शिकायत करने के बाद क्या होता है। Cyber Crime क्या होता है? साइबर अपराध (Cyber Crime) की परिभाषाएं मुख्यतः "सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 ( Information Technology Act, 2000 )" में दी गई हैं। इसके साथ ही कुछ साइबर अपराधों को भारतीय न्याय संहिता ( BNS )में भी शामिल किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 ( IT Act, 2000 ): यह अधिनियम विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक अपराधों और डिजिटल दुनिया से संबंधित अपराधों के विषय में बात करता है।   अधिनियम की कुछ मुख्य धाराएं जो साइबर अपराधों से संबंधित  ह...

सूचना का अधिकार - RTI क्या है?

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सूचना का अधिकार (Right to Information)     सामान्य शब्दों में कहा जाए तो सूचना का अधिकार ( RTI ) एक ऐसा अधिकार है जो देश के हर वर्ग के नागरिकों को सरकारी कार्यों के विषय में जानकारी प्राप्त करने व जानने का अधिकार प्रदान करता है। जिसके माध्यम से देश के नागरिक सरकार के कार्यों व नीतियों के बारे में सही व स्पष्ट जानकारी प्राप्त कर सकें और कार्यों में सक्रिय रूप से भाग ले सकें व पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकें।                                                    सूचना के अधिकार ( RTI )  के बारे में  हमारे भारतीय संविधान में सीधे और स्पषट तौर पर तो वर्णन नहीं किया गया है परन्तु यह एक मौलिक अधिकार अभीव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में अनुच्छेद 19 (1) (a) के अऩ्तर्गत् समाहित माना गया है।        सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (Right to Information Act, 2005)   सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005, भारत सरकार के द्वारा पारित कि...

उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र (Succession Certificate)

  उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र  (Succession Certificate) उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र (Succession Certificate) एक तरह का कानूनी दस्तावेज है जिसे न्यायालय किसी मृत व्यक्ति की संपत्ति, ऋण या देनदारी को उसके उत्तराधिकारी के सुपुर्द करने के लिए जारी करता है। यह प्रमाण-पत्र इस बात की पुष्टि करता है कि संबंधित व्यक्ति वास्तव में मृतक का विधिक उत्तराधिकारी है।     यहां हम साधारण शब्दों में जानेंगेे कि क्या होता है     उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र? जब कोई व्यक्ति अपनी चल संपत्ति जैसे- बैंक बैलेंस, बीमा राशि, शेयर आदि बिना किसी को वसीयत (Will) किए मर जाता है, तो उसके विधिक उत्तराधिकारी को यह संपत्ति प्राप्त करने के लिए न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Succession Certificate) बनवाना होता है। न्यायालय उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र कैसे जारी करता है और क्या होती है उसकी कानूनी प्रक्रिया  1. याची द्वारा न्यायालय में याचिका दाखिल करना (Petition): सबसे पहले मृत व्यक्ति के उत्तराधिकारी होने का दावा करने वाले व्यक्ति को उत्तराधिकार अधिनियम 2005 की धारा - 372  के अंत...

डिजिटल रेप (Digital Rape)

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  डिजिटल रेप क्या है?  डिजिटल रेप (Digital Rape) , जैसा कि शब्द से लगता है कि इसका अर्थ इंटरनेट के जरिए किसी महिला के विरुद्द किये जाने वाले किसी यौन अपराध या ऑनलाइन पोर्न देखने से है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। डिजिटल रेप एक ऐसा अपराध है जिसका इंटरनेट की दुनिया से कोई लेना देना नहीं है। डिजिटल रेप की अवधारणा को अपराध के  रुप में सबसे पहले 2013 में भारतीय न्याय संहिता(IPC) की धारा 375 में संशोधन के द्वारा जोड़ा गया। और अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में बलात्कार की धारा 63 में डिजिटल रेप जैसे कृत्य भी शामिल हैं, जिसके बारे में आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।    डिजिटल रेप का अर्थ - लैटिन  में डिजिट शब्द का अर्थ होता है उंगली या पैर की उंगली।                                                           अतः , "डिजिटल रेप का अर्थ किसी महिला के निजी अंगों को छूने या उंगलियों या किसी अन्य वस्तु का उसक...

किरायेदारी अनुबंध-पत्र (Rent agreement format in hindi)

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                                                                     किरायेदारी   अनुबंध - पत्र कि रायेदारी अनुबंध-पत्र में  सामान्य तौर पर निम्नलिखित जानकारियाँ दी होती है - मालिक का पूरा नाम व पता किरायेदार का पूरा नाम व पता किराये की सम्पत्ति की पूरी जानकारी (पता) किराये के रूप में दी जाने वाली राशि किरायेदारी की समय-सीमा (अवधि)                                               किरायेदारी   अनुबंध - पत्र (हिन्दी फॉर्मेट) प्रथम-पक्ष का पूरा नाम, पिता का नाम, पता                                                             ...

CHARGE SHEET में कौन कौन से साक्ष्य मौजूद होते है ?

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  CHARGE SHEET में कौन कौन से साक्ष्य मौजूद होते है ? चार्जशीट में कई कालम होते है।  चार्जशीट  में आरोपियों के नाम, उनके द्वारा किए गए अपराध और विस्तृत जांच रिपोर्ट संलग्न होती है। यानी इसमें दो तरह के सबूतों का समावेश होता है। ORAL EVIDENCE और DOCUMENTARY EVIDENCE. ORAL EVIDENCE में गवाहों के बयान होते हैं, और DOCUMENTARY EVIDENCE में अपराध से संबंधित दस्तावेजों का समावेश चार्जशीट ( आरोप पत्र) में होता है। चार्जशीट पेश करने की प्रक्रिया क्या होती है? जब किसी व्यक्ति द्वारा पुलिस स्टेशन में किसी प्रकार की कोई शिकायत दर्ज की जाती है तो पुलिस उसका बयान लेती है और उसके बाद पुलिस अधिकारी को यह अधिकार होता है कि वह उस मामले में जांच बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के कर सकता है और घटनास्थल पर जाकर वहा मौज़ूद लोगों या आई विटनेस (चश्मदीद गवाह) का बयान भी ले सकता है। तो लिए गए बयान और उन सभी व्यक्तियों के स्टेटमेंट रिकॉर्ड करके पुलिस यह अनुमान लगाती है कि मामला चलाए जाने योग्य है या चलाए जाने योग्य नहीं है। यदि मामला चलाए जाने योग्य होता है तो बयान देने वाले व्यक्तियों को यदि आवश्यक हो ...

सम्पत्ति के विक्रय हेतु करार (विक्रय अनुबंध) Agreement to Sale (ATS)

विक्रय - अनुबंध   यह करार दिनांक - ........................... को ........................................ ( विक्रेता ) एंव जो इस विलेख का प्रथम पक्षकार है तथा  ( क्रेता ) एवं जो इस विलेख का द्वितीय पक्षकार है के बीच लखनऊ शहर में निष्पादित किया गया। उक्त प्रथम पक्षकार की अचल संपत्ति ..........................................................................(संपत्ति का विवरण) ,  जिसका कि प्रथम पक्षकार पू्र्णरुपेण स्वामी है और इस संपत्ति का अधिपत्यधारी है। TAEKWONDO AND SELF DEFENSE CLASSES संपत्ति का विस्तृत विवरण 1.  सम्पत्ति का प्रकार          - ................................ 2.  वार्ड                      -....................................... 3.  मोहल्ला / ग्राम               - .................................... 4.  सम्पत्ति का विवरण ...