रैगिंग से कैसे बचें? रैगिंग विरोधी उपाय

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आज के इस लेख में हम जानेंगे कि रैगिंग क्या होती है और इससे बचने के लिए कौन-कौन से कानून हैं। यदि आपके साथ भी रैगिंग होती है तो आप उससे बचने के लिए क्या-क्या कानूनी प्रक्रिया अपना सकते हैं? रैगिंग क्या है?   रैगिंग की शुरुआत इसलिए हुई थी ताकि पुराने छात्र आने वाले नए छात्रों को सामान्य और दायरे में रहकर उनसे घुल मिल सकें और उन्हें अच्छा महसूस करा सकें। न कि किसी की भावनाओं को आहत करें। पर समय के साथ रैगिंग शब्द का अर्थ भी बदलने लगा जब पुराने छात्र ने छात्रों को अकारण रैगिंग के नाम पर गलत तरीके और व्यवहार से परेशान करना शुरू कर दिया।  तो अब हम कह सकते हैं कि - Anti-ragging affidivit format के लिए इस दिए गए लिंक पर क्लिक करें -- https://vidhikinfo.blogspot.com/2024/03/affidavit-for-anti-ragging-format-in.html किसी शिक्षण संस्थान, छात्रावास विश्वविद्यालय या किसी विद्यालय आदि में छात्रों के द्वारा ही किसी अन्य छात्र को प्रताड़ित करना या ऐसे किसी काम को करने के लिए जबरन मजबूर करना जो की वह किसी सामान्य स्थिति में नहीं करेगा, इसे ही रैगिंग कहते हैं। रैगिंग शारीरिक मानसिक या मौखिक रू...

सूचना का अधिकार - RTI क्या है?

सूचना का अधिकार (Right to Information)


   

सामान्य शब्दों में कहा जाए तो सूचना का अधिकार ( RTI ) एक ऐसा अधिकार है जो देश के हर वर्ग के नागरिकों को सरकारी कार्यों के विषय में जानकारी प्राप्त करने व जानने का अधिकार प्रदान करता है। जिसके माध्यम से देश के नागरिक सरकार के कार्यों व नीतियों के बारे में सही व स्पष्ट जानकारी प्राप्त कर सकें और कार्यों में सक्रिय रूप से भाग ले सकें व पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकें। 

                                                  सूचना के अधिकार ( RTI )  के बारे में  हमारे भारतीय संविधान में सीधे और स्पषट तौर पर तो वर्णन नहीं किया गया है परन्तु यह एक मौलिक अधिकार अभीव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में अनुच्छेद 19 (1) (a) के अऩ्तर्गत् समाहित माना गया है। 


      सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (Right to Information Act, 2005) 


सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005, भारत सरकार के द्वारा पारित किया जाने वाला एक ऐतिहासिक कानून है जो देश के सभी नागरिकों  को सरकारी संस्थाओं से जानकारी प्राप्त करना के संबंध में अधिकार प्रदान करता है। । यह अधिनियम 12 जून 2005 को पारित किया गया और फिर भारत सरकार द्वारा 12 अक्टूबर 2005 में पूरे भारत (जम्मू-कश्मीर को छोड़कर, परन्तु अनुच्छेद 370 के हटने के बाद 31 अक्टूबर 2019 से अब जम्मू-कश्मीर में भी लागू है) में लागू किया गया।

इस अधिनियम के लागू किए जाने का मुख्य उद्देश्य शासन  प्रणाली में पारदर्शिता लाना और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।



सूचना क्या है?

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 2 (एफ) में सूचना शब्द को परिभाषित किया गया है और बताया गया है कि सूचना के अंतर्गत क्या क्या आता है -

इस अधिनियम की धारा 2 (एफ) के अनुसार - 

"सूचना के अंतर्गत, किसी भी रूप में कोई सामग्री, जिसमें कोई रिकॉर्ड, दस्तावेज, मेमो, ई-मेल, राय, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, आदेश, लॉगबुक शामिल होते हैं।"



इस अधिनियम को लागू किए जाने के प्रमुख उद्देश्य

इस अधिनियम को पारित किए जाने और लागू किए जाने के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं - 

  • सरकार की गतिविधियों और कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और स्पष्टता लाने के लिए यह अधिनियम पारित किया गया है।
  • देश के नागरिकों को आवश्यक सूचनाओं तक पहुंचने के लिए माध्यम देने के उद्देश्य से इसको लागू किया गया।
  • भ्रष्टाचार पर नियंत्रण इस अधिनियम का सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख उद्देश्य है।
  • गणतंत्र को संबल और शसक्त बनाने के लिए इस अधिनियम को लागू किया गया।

 


यह अधिनियम किन संस्थानों पर लागू होता है और किन पर नहीं?

यह अधिनियम भारत की सभी सार्वजनिक प्राधिकरणों (Public Authorities) जैसे कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों , ग्राम पंचायत, सरकारी संस्थाओं, नगर पालिका, सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों पर लागू होता है। परन्तु कुछ खुफिया और सुरक्षा संस्थाएं (जैसे RAW, IB, BSF, etc.) RTI Act से बाहर हैं, लेकिन भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़ी सूचना फिर भी मांगी जा सकती हैं।



RTI क्या है?

RTI से तात्पर्य-

"सरकारी विभागों द्वारा बनाई गई नीतियों, उनके द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों, और उनके द्वारा किए गए कार्यों और संबंधित रिकॉर्ड्स की जानकारी प्राप्त करना के वैधानिक अधिकार से है।"



RTI आवेदन कैसे करें?

RTI आवेदन दो प्रकार से किया जा सकता है। ऑफलाइन प्रक्रिया और ऑनलाइन प्रक्रिया। 


आवेदन की ऑफलाइन प्रक्रिया

  • सादा A4 कागज लें।
  • संबंधित विभाग को संबोधित करते हुए RTI आवेदन लिखें
  • आवेदन के साथ ₹10 का आवेदन शुल्क जमा करें
  • डाक द्वारा या स्वयं उपस्थित होकर आवेदन जमा करें
  • रसीद प्राप्त करें।


आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया

ऑनलाइन आवेदन के लिए सबसे पहले इस वेबसाइट पर जाएं – https://rtionline.gov.in

  • सबसे पहले वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें, लॉगिन आईडी बनाकर लॉगिन करें।
  • संबंधित विभाग भरें और जानकारी भरें जो आपको जानना हो।
  • आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन करें।
  • अब फॉर्म सबमिट करें और आवेदन संख्या नोट करे लें।



RTI आवेदन में कितने रुपए लगते हैं?

  • सामान्य आवेदन शुल्क - ₹10
  • प्रति पृष्ठ जानकारी (A4 में) - ₹2
  • BPL (गरीबी रेखा के नीचे) - कोई शुल्क नहीं
  • सूचना CD/DVD में - ₹50 प्रति CD



RTI आवेदन का उत्तर की समय-सीमा कितनी होती है?

RTI में यदि किसी सामान्य सूचना के बारे में जानकारी मांगी गई है तो संबंधित विभाग को आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों में आवेदक को उत्तर देना होता है।

यदि किसी की जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ी कोई जानकारी RTI के माध्यम से मांगी गई हो तो संबंधित विभाग को आवेदन प्राप्त होने के 48 घंटे में ही उत्तर देना होता है।




RTI अधिनियम की धारा 8 और 9 के तहत कुछ सूचनाएँ नहीं दी जाती हैं:


  • राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दी जाएगी।
  • देश के विदेशी संबंधों को प्रभावित करने वाली किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी जाएगी।
  • यदि कोई मामला/वाद न्यायालय में लंबित है उसके विषय में जानकारी नहीं दी जाएगी।
  • किसी व्यक्ति की निजी/व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी जाएगी।
  • वाणिज्यिक गोपनीयता और व्यापार से संबंधित जानकारी नहीं दी जाएगी।






 यदि RTI का उत्तर निर्धारित समय-सीमा में न मिले तो क्या करें? (अपील प्रक्रिया)


संबंधित विभाग से यदि 30 दिनों के भीतर जवाब नहीं मिलता है तो प्रथम अपील राज्य सूचना आयोग को 30 दिनों के भीतर करनी होती हैं फिर भी जवाब न मिलने  यदि जरूरत पड़े तो 90 दिनों के भीतर केंद्रीय सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील की जाती है।






RTI से संबंधित अधिकतर पूछें जाने वाले सवाल (RTI FAQs in HINDI)


प्रश्न - RTI कौन डाल सकता है?

उत्तर - कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक हो, RTI आवेदन के सकता है।


प्रश्न - क्या RTI डालने के लिए किसी वकील की जरूरत होती है?

उत्तर - नहीं, RTI स्वयं ही डाली जा सकती है।


प्रश्न - RTI फीस कैसे जमा करें?

उत्तर - IPO (Indian Postal Order), डिमांड ड्राफ्ट या नकद से।


प्रश्न - RTI का उत्तर न मिले तो क्या करें?

उत्तर - पहले अपील करें, फिर राज्य/केंद्र सूचना आयोग में जाएँ।


प्रश्न - RTI में क्या सूचना नहीं दी जाती?

उत्तर - देश की सुरक्षा, न्यायिक मामलों और निजी जीवन से जुड़ी गोपनीय जानकारी RTI में नहीं दी जाती हैं।




निष्कर्ष

RTI अधिनियम, 2005 एक ऐसा कानून है जो आम जनता को सशक्त बनाता है और सरकारी तंत्र को जवाबदेह बनाता है। यदि इसका सही उपयोग किया जाए तो जनहित में बड़े बदलाव संभव हैं।




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