रैगिंग से कैसे बचें? रैगिंग विरोधी उपाय

Image
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि रैगिंग क्या होती है और इससे बचने के लिए कौन-कौन से कानून हैं। यदि आपके साथ भी रैगिंग होती है तो आप उससे बचने के लिए क्या-क्या कानूनी प्रक्रिया अपना सकते हैं? रैगिंग क्या है?   रैगिंग की शुरुआत इसलिए हुई थी ताकि पुराने छात्र आने वाले नए छात्रों को सामान्य और दायरे में रहकर उनसे घुल मिल सकें और उन्हें अच्छा महसूस करा सकें। न कि किसी की भावनाओं को आहत करें। पर समय के साथ रैगिंग शब्द का अर्थ भी बदलने लगा जब पुराने छात्र ने छात्रों को अकारण रैगिंग के नाम पर गलत तरीके और व्यवहार से परेशान करना शुरू कर दिया।  तो अब हम कह सकते हैं कि - Anti-ragging affidivit format के लिए इस दिए गए लिंक पर क्लिक करें -- https://vidhikinfo.blogspot.com/2024/03/affidavit-for-anti-ragging-format-in.html किसी शिक्षण संस्थान, छात्रावास विश्वविद्यालय या किसी विद्यालय आदि में छात्रों के द्वारा ही किसी अन्य छात्र को प्रताड़ित करना या ऐसे किसी काम को करने के लिए जबरन मजबूर करना जो की वह किसी सामान्य स्थिति में नहीं करेगा, इसे ही रैगिंग कहते हैं। रैगिंग शारीरिक मानसिक या मौखिक रू...

डिजिटल रेप (Digital Rape)

 

डिजिटल रेप क्या है? 



डिजिटल रेप (Digital Rape) , जैसा कि शब्द से लगता है कि इसका अर्थ इंटरनेट के जरिए किसी महिला के विरुद्द किये जाने वाले किसी यौन अपराध या ऑनलाइन पोर्न देखने से है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। डिजिटल रेप एक ऐसा अपराध है जिसका इंटरनेट की दुनिया से कोई लेना देना नहीं है। डिजिटल रेप की अवधारणा को अपराध के  रुप में सबसे पहले 2013 में भारतीय न्याय संहिता(IPC) की धारा 375 में संशोधन के द्वारा जोड़ा गया। और अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में बलात्कार की धारा 63 में डिजिटल रेप जैसे कृत्य भी शामिल हैं, जिसके बारे में आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।  

डिजिटल रेप का अर्थ -

लैटिन में डिजिट शब्द का अर्थ होता है उंगली या पैर की उंगली।

                                                          अतः, "डिजिटल रेप का अर्थ किसी महिला के निजी अंगों को छूने या उंगलियों या किसी अन्य वस्तु का उसके निजी अंगों में बिना उसकी सहमति के  प्रवेश कराने से है।"

डिजिटल रेप की अवधारणा भारत में कब आयी?

 2013 में हुए निर्भया कांड के बाद  पहली बार डिजिटल रेप शब्द संज्ञान में आया और इस पर विचार किया गया और इसके बाद ही भारतीय दंड संहिता (IPC) धारा 375 में संशोधन किया गया और बलात्कार की परिभाषा को और विस्तरित किया गया। जिसके अनुसार अब केवल लिंग (penis) का प्रवेश ही नहीं, बल्कि उंगलियों या अन्य वस्तुओं के प्रवेश को भी बलात्कार (rape) माना जाता है।  परन्तु यदि महिला की उम्र 18 वर्ष से कम है तो उसकी सहमति से भी किया गया ऐसा कृत्य पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध माना जाएगा।


भारतीय न्याय संहिता - 2023 के अनुसार डिजिटल रेप ः-


भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita - BNS), 2023 की धारा 63 बलात्कार की परिभाषा देती है, जिसमें "डिजिटल रेप" जैसे कृत्य भी शामिल हैं। 

भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 63 के अनुसारः-

यदि कोई पुरुष,

1. किसी महिला की इच्छा के विरुद्ध या उसकी सहमति के बिना, उसकी योनि, मूत्रमार्ग या गुदा में कोई वस्तु या शरीर का कोई भाग (जो लिंग न हो) किसी भी सीमा तक प्रवेश करता है, या उससे ऐसा अपने साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है; 

2. या किसी महिला के शरीर के किसी भी हिस्से में हेरफेर करता है ताकि उसकी योनि, मूत्रमार्ग, गुदा या शरीर के किसी अन्य हिस्से में प्रवेश किया जा सके या उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा सके; 

                                                                                                               तो यह बलात्कार की श्रेणी में आता है।

भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 64 के अनुसार, बलात्कार के दोषी व्यक्ति को कठोर कारावास, जो 10 वर्ष से कम नहीं होगा, और जो आजीवन कारावास तक बढ़ सकता है, तथा जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। 





Comments

Popular posts from this blog

Res-judicata, CPC, Sec-11

Res-subjudice (विचाराधीन-न्याय) क्या है? (CPC, sec.10)

Decree (आज्ञप्ति) क्या होती है?