डिजिटल रेप (Digital Rape)
डिजिटल रेप क्या है?
डिजिटल रेप (Digital Rape) , जैसा कि शब्द से लगता है कि इसका अर्थ इंटरनेट के जरिए किसी महिला के विरुद्द किये जाने वाले किसी यौन अपराध या ऑनलाइन पोर्न देखने से है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। डिजिटल रेप एक ऐसा अपराध है जिसका इंटरनेट की दुनिया से कोई लेना देना नहीं है। डिजिटल रेप की अवधारणा को अपराध के रुप में सबसे पहले 2013 में भारतीय न्याय संहिता(IPC) की धारा 375 में संशोधन के द्वारा जोड़ा गया। और अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में बलात्कार की धारा 63 में डिजिटल रेप जैसे कृत्य भी शामिल हैं, जिसके बारे में आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।
डिजिटल रेप का अर्थ -
अतः, "डिजिटल रेप का अर्थ किसी महिला के निजी अंगों को छूने या उंगलियों या किसी अन्य वस्तु का उसके निजी अंगों में बिना उसकी सहमति के प्रवेश कराने से है।"
डिजिटल रेप की अवधारणा भारत में कब आयी?
भारतीय न्याय संहिता - 2023 के अनुसार डिजिटल रेप ः-
भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita - BNS), 2023 की धारा 63 बलात्कार की परिभाषा देती है, जिसमें "डिजिटल रेप" जैसे कृत्य भी शामिल हैं।
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 63 के अनुसारः-
यदि कोई पुरुष,
1. किसी महिला की इच्छा के विरुद्ध या उसकी सहमति के बिना, उसकी योनि, मूत्रमार्ग या गुदा में कोई वस्तु या शरीर का कोई भाग (जो लिंग न हो) किसी भी सीमा तक प्रवेश करता है, या उससे ऐसा अपने साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है;
2. या किसी महिला के शरीर के किसी भी हिस्से में हेरफेर करता है ताकि उसकी योनि, मूत्रमार्ग, गुदा या शरीर के किसी अन्य हिस्से में प्रवेश किया जा सके या उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा सके;
तो यह बलात्कार की श्रेणी में आता है।
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 64 के अनुसार, बलात्कार के दोषी व्यक्ति को कठोर कारावास, जो 10 वर्ष से कम नहीं होगा, और जो आजीवन कारावास तक बढ़ सकता है, तथा जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
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