CHARGE SHEET में कौन कौन से साक्ष्य मौजूद होते है ?
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CHARGE SHEET में कौन कौन से साक्ष्य मौजूद होते है ?
चार्जशीट में कई कालम होते है। चार्जशीट में आरोपियों के नाम, उनके द्वारा किए गए अपराध और विस्तृत जांच रिपोर्ट संलग्न होती है। यानी इसमें दो तरह के सबूतों का समावेश होता है। ORAL EVIDENCE और DOCUMENTARY EVIDENCE.
ORAL EVIDENCE में गवाहों के बयान होते हैं, और DOCUMENTARY EVIDENCE में अपराध से संबंधित दस्तावेजों का समावेश चार्जशीट ( आरोप पत्र) में होता है।
चार्जशीट पेश करने की प्रक्रिया क्या होती है?
जब किसी व्यक्ति द्वारा पुलिस स्टेशन में किसी प्रकार की कोई शिकायत दर्ज की जाती है तो पुलिस उसका बयान लेती है और उसके बाद पुलिस अधिकारी को यह अधिकार होता है कि वह उस मामले में जांच बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के कर सकता है और घटनास्थल पर जाकर वहा मौज़ूद लोगों या आई विटनेस (चश्मदीद गवाह) का बयान भी ले सकता है।
तो लिए गए बयान और उन सभी व्यक्तियों के स्टेटमेंट रिकॉर्ड करके पुलिस यह अनुमान लगाती है कि मामला चलाए जाने योग्य है या चलाए जाने योग्य नहीं है। यदि मामला चलाए जाने योग्य होता है तो बयान देने वाले व्यक्तियों को यदि आवश्यक हो तो पुलिस स्टेशन और फिर न्यायालय में भी बुलाया जा सकता है। जांच पूरी होने के बाद मामला यदि गंभीर प्रकृति का लगता है तो पुलिस द्वारा धारा 154 CrPC के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर लिया जाता है। और पुलिस को लगता है कि मामला गंभीर प्रकृति का नहीं है तो धारा 155 CrPC के अंतर्गत NCR दर्ज कर लिया जाता है और संबंधित न्यायालय के अंतर्गत FIR की कॉपी 24 घंटे के अंदर पेश कर दी जाती है।
यानी ये कहा जा सकता है कि चार्जशीट सबसे अहम दस्तावेज है। इसमें गवाहों के बयान, शिकायतकर्ता के बयान, आरोपी के खिलाफ बनाई गई डाक्टरी रिपोर्ट, जिसको MLC (MEDICO LEGAL CERTIFICATE ) सभी प्रकार के दस्तावेज शामिल होते हैं।
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