सम्पत्ति के विक्रय हेतु करार (विक्रय अनुबंध) Agreement to Sale (ATS)



विक्रय-अनुबंध

 

यह करार दिनांक- ...........................को ........................................(विक्रेता) एंव जो इस विलेख का प्रथम पक्षकार है तथा  (क्रेता) एवं जो इस विलेख का द्वितीय पक्षकार है के बीच लखनऊ शहर में निष्पादित किया गया।

उक्त प्रथम पक्षकार की अचल संपत्ति ..........................................................................(संपत्ति का विवरण), जिसका कि प्रथम पक्षकार पू्र्णरुपेण स्वामी है और इस संपत्ति का अधिपत्यधारी है।

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संपत्ति का विस्तृत विवरण


1. सम्पत्ति का प्रकार         - ................................

2. वार्ड                     -.......................................

3. मोहल्ला/ग्राम              - ....................................

4. सम्पत्ति का विवरण        - ......................................

5. मापन की इकाई            - वर्गमीटर

6. सम्पत्ति (भवन) का कुल     - ................................वर्गमीटर

क्षेत्रफल       

7. सड़क कि स्थिति            -....................................................

8. अन्य विवरण               - ............................................

 

चौहद्दी

 

पूरब       - .................................

पश्चिम     -................................. 

उत्तर      -...................................

दक्षिण     - ..................................

 

 

यह कि विक्रेता अपनी उक्त संपत्ति को बेचने की इच्छुक है और उक्त क्रेता भी इसे खरीदने के लिए सहमत है।

 

अतएव अब यह विलेख साक्ष्यांकित करता है -

 

1) यह कि उक्त विक्रेता के अनुरोध पर उक्त क्रेता उससे उक्त संपत्ति को, जिसका मूल्य  रुपये ......................................निश्चित किया गया है, खरीदने का करार करता है।

 

2) यह कि क्रेता ने विक्रेता की सहमति से ...............................................................अग्रिम राशि अदा कर दिया है एवं शेष बकाया राशि रजिस्ट्री के समय रजिस्ट्रेशन कार्यालय में अदा करेगा।

 

3) यह कि विक्रेता इस विक्रय विलेख के निष्पादन की तिथि से .............. माह के भीतर की अवधि में रजिस्ट्रीकरण कार्यालय में उपस्थित होकर क्रेता के पक्ष में उक्त संपत्ति की रजिस्ट्री कर देगा और रजिस्ट्री होते ही उक्त संपत्ति का पू्र्णरुपेण कब्जा क्रेता को सौंप दिया जाएगा।

 

4) यह कि विक्रेता इसमें किसी प्रकार की चूक नहीं करेगा और विक्रेता द्वारा इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता किये जाने पर क्रेता को यह अधिकार होगा कि वह इस करार को विखण्डित कर सकेगा एवं विक्रेता से, दी गई अग्रिम भुगतान की राशि मुबलिग .......................रुपए और क्षतिपूर्ति स्वरूप .......................-रुपये प्राप्त कर सकेगा।

5) यह कि क्रेता भी इसमें किसी प्रकार की चूक नहीं करेगा और क्रेता द्वारा इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता किए जाने पर विक्रेता को यह अधिकार होगा कि वह इस करार को विखण्डित कर सकेगा एवं क्रेता द्वारा दी गई, अग्रिम भुगतान की राशि ...................................... में से .........................................क्षतिपूर्ति स्वरुप लेकर शेष राशि .................................... क्रेता को वापस कर देगा औऱ किसी के भी पक्ष में उक्त संपत्ति की रजिस्ट्री करने के लिए स्वतंत्र होगा।

 

6) यह कि उक्त सम्पत्ति सभी प्रकार के भारों एवं अधिभारों से मुक्त होगी तथा भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न होने पर उसका दायित्व विक्रेता पर होगा।

 

7) यह कि रजिस्ट्री एवं विक्रय-विलेख के निष्पादन का सारा व्यय क्रेता वहन करेगा।

 

  उपर्युक्त के साक्ष्य स्वरूप हम दोनों पक्षकारों ने निम्नलिखित दो साक्षियों के समक्ष दिनांक- ............... पर अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं।

 

 

साक्षीगण -                          

               हस्ताक्षर -

                                                                                                                                                            (विक्रेता)

1- .....................................                         

 

हस्ताक्षर -

2- .....................................                                                                                                                (क्रेता)

     



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