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Showing posts from July, 2025

रैगिंग से कैसे बचें? रैगिंग विरोधी उपाय

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आज के इस लेख में हम जानेंगे कि रैगिंग क्या होती है और इससे बचने के लिए कौन-कौन से कानून हैं। यदि आपके साथ भी रैगिंग होती है तो आप उससे बचने के लिए क्या-क्या कानूनी प्रक्रिया अपना सकते हैं? रैगिंग क्या है?   रैगिंग की शुरुआत इसलिए हुई थी ताकि पुराने छात्र आने वाले नए छात्रों को सामान्य और दायरे में रहकर उनसे घुल मिल सकें और उन्हें अच्छा महसूस करा सकें। न कि किसी की भावनाओं को आहत करें। पर समय के साथ रैगिंग शब्द का अर्थ भी बदलने लगा जब पुराने छात्र ने छात्रों को अकारण रैगिंग के नाम पर गलत तरीके और व्यवहार से परेशान करना शुरू कर दिया।  तो अब हम कह सकते हैं कि - Anti-ragging affidivit format के लिए इस दिए गए लिंक पर क्लिक करें -- https://vidhikinfo.blogspot.com/2024/03/affidavit-for-anti-ragging-format-in.html किसी शिक्षण संस्थान, छात्रावास विश्वविद्यालय या किसी विद्यालय आदि में छात्रों के द्वारा ही किसी अन्य छात्र को प्रताड़ित करना या ऐसे किसी काम को करने के लिए जबरन मजबूर करना जो की वह किसी सामान्य स्थिति में नहीं करेगा, इसे ही रैगिंग कहते हैं। रैगिंग शारीरिक मानसिक या मौखिक रू...

सूचना का अधिकार - RTI क्या है?

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सूचना का अधिकार (Right to Information)     सामान्य शब्दों में कहा जाए तो सूचना का अधिकार ( RTI ) एक ऐसा अधिकार है जो देश के हर वर्ग के नागरिकों को सरकारी कार्यों के विषय में जानकारी प्राप्त करने व जानने का अधिकार प्रदान करता है। जिसके माध्यम से देश के नागरिक सरकार के कार्यों व नीतियों के बारे में सही व स्पष्ट जानकारी प्राप्त कर सकें और कार्यों में सक्रिय रूप से भाग ले सकें व पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकें।                                                    सूचना के अधिकार ( RTI )  के बारे में  हमारे भारतीय संविधान में सीधे और स्पषट तौर पर तो वर्णन नहीं किया गया है परन्तु यह एक मौलिक अधिकार अभीव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में अनुच्छेद 19 (1) (a) के अऩ्तर्गत् समाहित माना गया है।        सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (Right to Information Act, 2005)   सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005, भारत सरकार के द्वारा पारित कि...

उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र (Succession Certificate)

  उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र  (Succession Certificate) उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र (Succession Certificate) एक तरह का कानूनी दस्तावेज है जिसे न्यायालय किसी मृत व्यक्ति की संपत्ति, ऋण या देनदारी को उसके उत्तराधिकारी के सुपुर्द करने के लिए जारी करता है। यह प्रमाण-पत्र इस बात की पुष्टि करता है कि संबंधित व्यक्ति वास्तव में मृतक का विधिक उत्तराधिकारी है।     यहां हम साधारण शब्दों में जानेंगेे कि क्या होता है     उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र? जब कोई व्यक्ति अपनी चल संपत्ति जैसे- बैंक बैलेंस, बीमा राशि, शेयर आदि बिना किसी को वसीयत (Will) किए मर जाता है, तो उसके विधिक उत्तराधिकारी को यह संपत्ति प्राप्त करने के लिए न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Succession Certificate) बनवाना होता है। न्यायालय उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र कैसे जारी करता है और क्या होती है उसकी कानूनी प्रक्रिया  1. याची द्वारा न्यायालय में याचिका दाखिल करना (Petition): सबसे पहले मृत व्यक्ति के उत्तराधिकारी होने का दावा करने वाले व्यक्ति को उत्तराधिकार अधिनियम 2005 की धारा - 372  के अंत...