गिरफ्तारी क्या है?
गिरफ्तारी व गिरफ्तारी के नियम संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों में दैहिक स्वतंत्रता के अधिकार को भी सम्मिलित किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 21 में व्यक्ति की दैहिक स्वतन्त्रता की बात कही गयी है और यह भी बताया गया है कि प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार है कि वह देश में कहीं भी जहाँ कानूनी अवरोध न हो आने व जाने के लिए स्वतन्त्र है। परन्तु यदि किसी व्यक्ति पर कोई अभियोग लगता है तो कुछ युक्तियुक्त कारणों व परिस्थितियों की वजह से कानूनी तौर पर उसे गिरफ्तार करना आवश्यक हो जाता है। जिसके कुछ नियम होते हैं, जो कि देश के प्रत्येक नागरिक को जानने चाहिए। इन नियमों को जानने से पहले गिरफ्तारी क्या है, यह जानना आवश्यक है। गिरफ्तारी क्या है ? गिरफ्तारी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति को युक्तियुक्त कारणों के आधार पर कानूनी रूप से उसकी स्वतन्त्रता से वंचित कर दिया जाता है। आपराधिक विधि में पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए आरोपी जिसने अपराध किया है उसकी गिरफ्तारी आवश्यक होती है। इसके लिए अपराधी या आरोपी को गिरफ्तार करने के कुछ नियम हैं जिनके बारे में दण्ड प्रक्रिया संहिता - 1973 की