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Showing posts from October, 2020

रैगिंग से कैसे बचें? रैगिंग विरोधी उपाय

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आज के इस लेख में हम जानेंगे कि रैगिंग क्या होती है और इससे बचने के लिए कौन-कौन से कानून हैं। यदि आपके साथ भी रैगिंग होती है तो आप उससे बचने के लिए क्या-क्या कानूनी प्रक्रिया अपना सकते हैं? रैगिंग क्या है?   रैगिंग की शुरुआत इसलिए हुई थी ताकि पुराने छात्र आने वाले नए छात्रों को सामान्य और दायरे में रहकर उनसे घुल मिल सकें और उन्हें अच्छा महसूस करा सकें। न कि किसी की भावनाओं को आहत करें। पर समय के साथ रैगिंग शब्द का अर्थ भी बदलने लगा जब पुराने छात्र ने छात्रों को अकारण रैगिंग के नाम पर गलत तरीके और व्यवहार से परेशान करना शुरू कर दिया।  तो अब हम कह सकते हैं कि - Anti-ragging affidivit format के लिए इस दिए गए लिंक पर क्लिक करें -- https://vidhikinfo.blogspot.com/2024/03/affidavit-for-anti-ragging-format-in.html किसी शिक्षण संस्थान, छात्रावास विश्वविद्यालय या किसी विद्यालय आदि में छात्रों के द्वारा ही किसी अन्य छात्र को प्रताड़ित करना या ऐसे किसी काम को करने के लिए जबरन मजबूर करना जो की वह किसी सामान्य स्थिति में नहीं करेगा, इसे ही रैगिंग कहते हैं। रैगिंग शारीरिक मानसिक या मौखिक रू...

गिरफ्तारी क्या है?

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  गिरफ्तारी व गिरफ्तारी के नियम संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों में दैहिक स्वतंत्रता के अधिकार को भी सम्मिलित किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 21 में व्यक्ति की दैहिक स्वतन्त्रता की बात कही गयी है और यह भी बताया गया है कि प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार है कि वह देश में कहीं भी जहाँ कानूनी अवरोध न हो आने व जाने के लिए स्वतन्त्र है। परन्तु यदि किसी व्यक्ति पर कोई अभियोग लगता है तो कुछ युक्तियुक्त कारणों व परिस्थितियों की वजह से कानूनी तौर पर उसे गिरफ्तार करना आवश्यक हो जाता है। जिसके कुछ नियम होते हैं, जो कि देश के प्रत्येक नागरिक को जानने चाहिए। इन नियमों को जानने से पहले गिरफ्तारी क्या है, यह जानना आवश्यक है।   गिरफ्तारी क्या है  ?    गिरफ्तारी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति को युक्तियुक्त कारणों के आधार पर कानूनी रूप से उसकी स्वतन्त्रता से वंचित कर दिया जाता है। आपराधिक विधि में पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए आरोपी जिसने अपराध किया है उसकी गिरफ्तारी आवश्यक होती है। इसके लिए अपराधी या आरोपी को गिरफ्तार करने के कुछ नियम हैं जिनके बारे में दण्ड प्र...

Restrictions of transferable rights of bhoomidhar

  भूमिधरों द्वारा भूमि के अन्तरण पर प्रतिबंध सामान्य तौर पर कोई भी व्यक्ति अपनी निजी जमीन का अन्तरण अर्थात उसे बेच सकता है, बंधक या पट्टे पर भी दे सकता है परन्तु ऐसे अन्तरण पर सरकार ने कुछ  प्रतिबंध लगाए हैं।   उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा- 88 में यह प्रतिबंध किया गया है कि संक्रमणीय अधिकार वाले भूमिधर का हित संक्रमणीय होता है। इसका अर्थ यह है कि कोई भी व्यक्ति दान, पट्टा, विक्रय या अन्य कोई अन्तरण कर सकता है, परन्तु भूमिधर का अन्तरण का अधिकार आत्यन्तिक नहीं है। ऐसा अन्तरण संहिता के उपबन्धों के अधीन किया जाना चाहिए। भूमिधर(जमीन के मालिक) का अपने हित का अन्तरण निम्नलिखित प्रतिबंधों के अधीन होता है — 1.  साढ़े बारह एकड़ का प्रतिबंध — धारा-89(2) 2.  विदेशी नागरिक द्वारा भूमि के अर्जन पर रोक — धारा-90 3.  अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा अन्तरण पर प्रतिबंध — धारा-98 4.  अनुसूचित जनजाति के लोगों द्वारा अन्तरण पर प्रतिबंध — धारा-99 5.  पट्टे द्वारा अन्तरण पर प्रतिबंध — धारा-94 6.  बंधक द्वारा अन्तरण पर प्रतिबंध — धारा-91   1.  साढ़े ...