मौलिक अधिकार (fundamental rights), "right to equality"(समानता का अधिकार)
मौलिक अधिकार Fundamental Rights मौलिक अधिकार से तात्पर्य उन अधिकारों से है जो प्रत्येक व्यक्ति के भौतिक, सामाजिक, नैतिक व आध्यात्मिक विकास हेतु अत्यन्त् आवश्यक हैं। ये अधिकार व्यक्ति के जीवन में मौलिक होने के कारण संविधान द्वारा देश के प्रत्येक नागरिक को प्रदान किये गये हैं। ये अधिकार प्रत्येक नागरिक को जन्म से प्राप्त होते हैं। इन अधिकारों के संबंध में राज्य द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है। इन अधिकारों को अमेरिका के संविधान से लिया गया है। मौलिक अधिकारों का वर्णन संविधान के भाग - 3 में किया गया है । मूल संविधान में 7 मौलिक अधिकार लिए गए थे परन्तु 44 वें संविधान संशोधन के द्वारा “ संपत्ति के अधिकार ” को मौलिक अधिकारों की सूची से हटाकर इसे संविधान के अनुच्छेद - 300 (a) के अन्तर्गत् कानूनी अधिकार के रूप में शामिल किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद 35 तक इन मौलिक अधिकारों के सम्बन्ध में प्रावधान किया गया है। भीमराव अम्बेडर जी ने भी कहा है कि - “ मौलिक अधिकार उल्लिखित करने का एक तो उद्देश्य यह है कि प्रत्येक व्यक्ति इन अधिकारों का दावा कर सके और दूसरा यह