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Showing posts from July, 2022

रैगिंग से कैसे बचें? रैगिंग विरोधी उपाय

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आज के इस लेख में हम जानेंगे कि रैगिंग क्या होती है और इससे बचने के लिए कौन-कौन से कानून हैं। यदि आपके साथ भी रैगिंग होती है तो आप उससे बचने के लिए क्या-क्या कानूनी प्रक्रिया अपना सकते हैं? रैगिंग क्या है?   रैगिंग की शुरुआत इसलिए हुई थी ताकि पुराने छात्र आने वाले नए छात्रों को सामान्य और दायरे में रहकर उनसे घुल मिल सकें और उन्हें अच्छा महसूस करा सकें। न कि किसी की भावनाओं को आहत करें। पर समय के साथ रैगिंग शब्द का अर्थ भी बदलने लगा जब पुराने छात्र ने छात्रों को अकारण रैगिंग के नाम पर गलत तरीके और व्यवहार से परेशान करना शुरू कर दिया।  तो अब हम कह सकते हैं कि - Anti-ragging affidivit format के लिए इस दिए गए लिंक पर क्लिक करें -- https://vidhikinfo.blogspot.com/2024/03/affidavit-for-anti-ragging-format-in.html किसी शिक्षण संस्थान, छात्रावास विश्वविद्यालय या किसी विद्यालय आदि में छात्रों के द्वारा ही किसी अन्य छात्र को प्रताड़ित करना या ऐसे किसी काम को करने के लिए जबरन मजबूर करना जो की वह किसी सामान्य स्थिति में नहीं करेगा, इसे ही रैगिंग कहते हैं। रैगिंग शारीरिक मानसिक या मौखिक रू...

Injuria sine damno (बिना हानि के क्षति)

बिना हानि के क्षति ( injuria sine damno )  बिना हानि के क्षति का तात्पर्य है कि हालांकि वादी को क्षति (विधिक क्षति) हुई है, अर्थात् उसमें निहित किसी विधिक अधिकार का अतिलंघन हुआ है किन्तु उसको चाहे कोई हानि कारित न हुई हो, वह फिर भी प्रतिवादी के विरुद्ध वाद ला सकता है। Injuria sine damno  एक लैटिन सूक्ति है, जिसका सामान्य अर्थ है " बिना क्षति के हानि ", यह सूक्ति 2 लैटिन शब्दों  injuria और  damno से मिलकर बनी है जिसमें -- injuria का अर्थ है – किसी अधिकार का उल्लंघन, तथा damno का अर्थ है – वास्तविक क्षति अथवा नुकसान TAEKWONDO AND SELF DEFENSE CLASSES इस सूत्र का अर्थ है कि यदि किसी व्यक्ति के विधिक अधिकार का उल्लंघन होता है तो वादी को वाद दायर करने का अधिकार होगा चाहे उस अधिकार के उल्लंघन से उसे कोई भी वास्तविक हानि या क्षति न हुई हो। अतः इस सूत्र के अनुसार अपकृत्य के लिए मात्र यह सिद्ध करना ही आवश्यक है कि विधिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है तथा वास्तविक हानि या नुकसानी को सिद्ध करना आवश्यक नही है |   वाद - ऐशबी बनाम ह्वाइट  (1703)   उपरोक्त वाद में ही ‘ब...